Tesla Mumbai Showroom Launch: जानिए भारत में एंट्री में देरी की बड़ी वजहें

Tesla Mumbai Showroom Launch: जानिए भारत में एंट्री में देरी की बड़ी वजहें

दुनिया की सबसे चर्चित इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक, Tesla आखिरकार भारत में अपनी फिजिकल मौजूदगी दर्ज कराने जा रही है। खबरों के मुताबिक, टेस्ला जल्द ही मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने जा रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि जब पूरी दुनिया में टेस्ला की डिमांड इतनी ज़्यादा है, तो भारत जैसे बड़े बाजार में आने में इतनी देर क्यों हुई? आइए जानते हैं इसके पीछे की मुख्य वजहें।

1. इंपोर्ट ड्यूटी का झगड़ा

भारत सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रही है, लेकिन लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी बहुत अधिक (100% तक) है। टेस्ला चाहती थी कि सरकार उनके लिए ड्यूटी कम करे, ताकि उनकी गाड़ियाँ भारत में प्रतिस्पर्धी कीमतों पर मिल सकें। लेकिन सरकार ने साफ कहा कि पहले भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाओ, फिर रियायत मिलेगी।

2. मेक इन इंडिया बनाम इंपोर्ट मॉडल

सरकार "मेक इन इंडिया" को बढ़ावा दे रही है। वह चाहती है कि टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगाए जिससे लोकल जॉब्स और निवेश आए। टेस्ला शुरुआत में सिर्फ कारें इंपोर्ट करके बेचना चाहती थी — यह नीति भारत सरकार की प्राथमिकता से मेल नहीं खा रही थी।

3. इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन

भारत में EV (Electric Vehicle) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी विकसित हो रहा है। टेस्ला की गाड़ियाँ हाई-परफॉर्मेंस चार्जिंग नेटवर्क पर निर्भर करती हैं। जब तक बेसिक सपोर्ट सिस्टम नहीं बनता, टेस्ला को यहां पूरी तरह स्थापित करना मुश्किल था।

4. पॉलिटिकल और नीतिगत अनिश्चितता

भारत में समय-समय पर EV नीतियों में बदलाव होते रहे हैं। ऐसी स्थिति में, टेस्ला जैसी कंपनियाँ जो लॉन्ग-टर्म प्लानिंग करती हैं, उन्हें पहले स्थिरता और क्लैरिटी की ज़रूरत होती है।

अब क्या बदल गया?

अब खबरें आ रही हैं कि टेस्ला ने मुंबई में एक लग्जरी शोरूम के लिए जगह फाइनल कर ली है। साथ ही, सरकार से बातचीत भी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके अलावा, टेस्ला ने कुछ भारतीय ऑटोमोटिव सप्लायर्स से कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किए हैं — जो संकेत देता है कि कंपनी अब 'मेक इन इंडिया' को लेकर पहले से ज्यादा ओपन है।

निष्कर्ष:

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट है — और टेस्ला इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती। इंपोर्ट ड्यूटी से लेकर पॉलिसी तक, कई अड़चनें थीं, लेकिन अब धीरे-धीरे रास्ता साफ हो रहा है। टेस्ला की भारत में एंट्री केवल एक बिजनेस मूव नहीं, बल्कि भारत के EV भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।

क्या आप टेस्ला को भारत की सड़कों पर देखने के लिए तैयार हैं? नीचे कमेंट करके जरूर बताएं!

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